अपने अधिकारों के लिए काशी में जुटे हजारों आदिवासी, आयोजित हुआ पहला महासम्मेलन

अपने अधिकारों के लिए काशी में जुटे हजारों आदिवासी, आयोजित हुआ पहला महासम्मेलन











वाराणसी में रविवार को पहले आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। नदेसर के कटिंग मेमोरियल इंटर कालेज में आयोजित महासम्मेलन में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने भागीदारी की। आदिवासी जीवन ज्योति फाउंडेशन की ओर से आयोजित महासम्मेलन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा कि आदिवासियों का जनसैलाब बता रहा है कि हम अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सजग हो गए हैं। अपने अधिकारों की परवाह करने वालों का संगठित होना शुभ संकेत है। यहां से बड़े बदलाव की शुरुआत होगी। 


महासम्मेलन में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना से हजारों आदिवासी पहुंचे। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके सम्मेलन की मुख्य अतिथि थीं लेकिन समय से न पहुंचने के कारण उन्होंने मोबाइल फोन के जरिये लोगों को संबोधित किया। कहा कि समाज में भागीदारी बढ़ेगी तो आदिवासियों का उत्थान आसान होगा। 


 

विशिष्ट अतिथि गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि भूमिहीन आदिवासियों को पट्टे की जमीन उपलब्ध कराई जाय। निजी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसूचित, जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रवेश मिले। 


केन्द्रीय जनजाति कार्य राज्यमंत्री रेनुका सिंह ने आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों, धर्म, संस्कृति एवं पहचान बनाये रखने का आह्वान किया। सम्मेलन में सोनभद्र सांसद पकौड़ीलाल कोल, राजस्थान से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, दुद्धी के विधायक हरिराम चेरो, ओबरा के विधायक संजीव कुमार गोड़, कोरांव के विधायक राजमणि कोल, मनि कुमारी, जीएल मीना, जगदीश बाबू, श्रीराम गोपाल, बाबू सिंह डामोर, जयप्रकाश शाह, सच्चिदानंद, राधा सिंह, रवींद्रनाथ गोंड़, संतोष खरवार आदि मौजूद थे। 
 














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  • Web Title:Thousands of tribals gathered in Kashi for their rights the fir